जड़ सौन्दर्य का उपयोग आत्मसौन्दर्य में
संत तुकाराम महाराष्ट के प्रसिद्ध संत थे। एक बार एक सुन्दर स्त्री कामासक्त होकर वासनापूर्ति का जाल बिछाने लगी।
संत तुकाराम ने कहा – देवी तू तो साक्षात् मेरी माता के रुप में दिख रही है। अतः है माता, इस जड़ सौन्दर्य का उपयोग अमृत रस पीकर आत्मसौन्दर्य के लिये करना चाहिए। विषयों का विष पीकर मानव जीवन बर्बाद करने के लिए नहीं करना चाहिए।