मात्र चरणों के दर्शन
राम के वनवास काल में रावण सीता को अपहरण कर ले जा रहा था, तब सीता ने अपने आभूषणों को राह में गिरा दिया थे। सीता की खोज करते समय राम को आभूषण मिले, उन्हें पहचानने के लिए एक -एक कर लक्ष्मण को दिखाये गये। अन्य गहनों को छोड़कर सिर्फ पाँवों के नूपुर ही वे पहचान पाये। क्योंकि उन्होंने (माता समान) भाभी क सदैव चरणों के प्रातः प्रणाम करके दर्शन किये थे। कभी अन्य शरीरांगों के दर्शन नहीं किये थे। ऐसे अलिप्त विवेकी ब्रह्म साधक लक्ष्मण को कोटि -कोटि धन्य हैं ।