उत्तम क्षमा
न कोई मेरा शत्रु है न मित्र, मैं स्वयं वीतरागी ज्ञानी, ज्ञाता-दृष्टा हूँ। मेरे में उत्तम क्षमा सदा ...
छटी शती का भारत
चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में चीनी यात्री फाह्यान ने भारत की यात्रा कर अपने संस्मरण में लिखा है ...
मृत्यु से पहले
एक ब्राह्मण था। अध्ययन करने के लिए काशी गया। पढ़-लिखकर वह होशियार हो गया। अपने ग्राम में आया। ...
उपकारी को प्रथम नमस्कार
भैरण्ड पक्षी द्वारा स्वर्णद्वीप में जाने के लिए चारुदत्त का मामा एक बकरे को मार रहा था। बकरे ...
अकस्मात् कुछ नहीं
एक दिगम्बर साधु जंगल में रहते थे। एक बार एक राजा साहब उस जंगल में शिकार करने गये। ...
अपूर्व दृढ़ता
बाबा लालमनदास जी सं॰ 1956 में दिल्ली के कुछ धर्मबन्धुओं के साथ सम्मेदशिखर जी की यात्रा को गये ...
मानव जीवन का मूल्यांकन
राजा भोज वन भ्रमण के लिये गये थे। रास्ता भूल जाने पर भूख प्यास से पीड़ित वह एक ...
सौहार्द का रहस्य
राजा शातवाहन के राजपन्त्री के परिवार में एक सौ से भी अधिक व्यक्ति थे। वे सभी बड़े प्रेम ...
वस्तु विज्ञान ही सच्चा त्याग है
छात्रावस्था में विद्यालय की ओर से एक नदी के किनारे सहभोज था। वह नदी छोटी थी किन्तु रेत ...
भौतिक जीवन कामना के छिद्र
एक सज्जन ने पूछा – भगवान की पूजा करके भी मेरे संकट दूर क्यों नहीं होते? मैंने कहा ...