मैं खून नहीं पी सकता
महात्मा गांधी ने कहा है- ’मैंने गुरु नहीं बनाया; किन्तु मुझे कोई गुरु मिले हैं तो वे हैं- ...
सन्तोषी सदा सुखी
एक बार सम्राट सिकन्दर ने अपने एक सेनापति से रुष्ट होकर उसे सामान्य सैनिक बना दिया। किन्तु वह ...
धर्म की आवश्यकता
एक जिज्ञासु ने मुनिराज से पूछा- ’स्वामिन्! दुनिया में इतना छल,कपट, झूठ, चोरी, व्यभिचार और खून खराबी चल ...
जीवन में जैनत्व का महत्व
पं॰ गोपालदास जी बरैया अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मुरैना से बम्बइ जा रहे थे। रास्ते में ...
मारने का अधिकार नहीं
शान्ति-निकेतन मे एक कुत्ता सख्त बीमार था। कष्ट अधिक था, उसे छटपटाते देख कर एक प्रोफेसर ने कहा, ...
जोश और देरी !
सीता को पंचवटी में से रावण चुराकर ले गया। राम उसकी खोज करते रहे। जब राम को मालूम ...
मन की पवित्रता
एक बार वाराणसी में प्रातःकाल की मधुर बेला मे लोग गंगा स्नान कर रहे थ। गहराई की आशंका ...
दया का मूल्यांकन
एक बार द्वारका नगरी में एक सर्प निकल आया। लोग उसे पत्थरों से मारने लगे । एक दयालु ...
भूल का एहसास
युनान का एक जमींदार महात्मा सुकरात के सामने अपने वैभव की गर्व से बड़ाई कर रहा था। कुछ ...
धनि धन्य है जो जीव नरभव पाय यह कारज किया!
एक धनवान सेठ के पुत्र की किसी निर्धन पड़ौसी के लड़के के साथ घनिष्ट मित्रता हो गई। दोनों ...